टैलेंटेड और अनुभवी अभिनेता आमिर दलवी अपने सीरियल अलादीन नाम तो सुना होगा कि सफलता से काफी खुश हैं। ये सीरियल सब टीवी के सभी सीरियल यहां तक कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा तक को पीछे छोड़ चुका है।
हमने 1.9 से शुरू की थी जो बाद में 1.5 हुई और केबीसी के बाद 1.2 हुआ है। सच कहूं तो जब हमने शुरुआत की थी हमें पता था कि हमारी कहानी अच्छी है। लेकिन इसकी इतनी सफलता हमारे लिए सुखद आश्चर्य है। शो की अच्छी शुरुआत ने हमें आगे अच्छा काम करने के लिए प्रोत्सहित किया।
अपने बुरे किरदार वाजिर ज़फ़र के बारे में आमिर कहते हैं कि मैंने इसके लिए अपने उर्दू भाषा और उसके उच्चारण को बेहतर बनाने के लिए काम किया है। इस किरदार कि हंसी मेरी अपनी शैली है।
जब टीनऐज लीड्स के बारे में पूछा गया तो वो कहते हैं कि सिद्धार्थ निगम(अलादीन) और अवनीत कौर(यास्मीन)
ना ही सिर्फ अपने काम में अच्छे हैं बल्कि उनके चेहरे पर हमेशा एक हंसी रहती है। भले ही मेरी बेटी इनसे थोड़ी ही छोटी है लेकिन मैंने उनसे धैर्य रहकर काम करना सीखा है चाहे कभी कभी कुछ सही ना हो रहा हो। मैंने कभी उन्हें धैर्य खोते नहीं देखा।
अवनीत और सिद्धार्थ की सबसे अच्छी बात ये है कि उन्होंने अपने कम उम्र में काफी सफलता हासिल की है लेकिन उन्होंने कभी इस बात का घमंड नहीं किया। वो दोनो स्वभाव के काफी अच्छे हैं जैसे सुबह गुड मॉर्निंग कहना जैसे बच्चे अपने माता पिता से कहते हैं।
में आशा करता हूं कि बाकी आने वाली पीढ़ी के एक्टर्स भी इन्हीं की तरह प्रोफ़ेशनल और विनम्र हो, स्वभाग्यवश अधिकतर हैं।
आमिर मानते हैं कि कहानी में कभी कभी बदलाव लाया जाता है। ये टीवी की दुनिया का खेल है जहां आप शुरआती महीने में एक बड़ी कहानी के साथ शुरुआत करते है फिर आगे की कहानी उस पर निर्भर होती है कि शो में दर्शकों को क्या पसंद आ रहा है। हमने भी शो में कई प्रयोग किए है और कई जगह रुके भी है, ये देखने के लिए की क्या सही है। ये सभी प्रयास सीखने के लिए की जाती है और फिर हम उससे सीखने लगते है जो काफी अच्छा होता है।
ये एक मुख्य कारण हो सकता है कि क्रिएटिव एविल क्वीन मल्लिका(नौशीन अली सरदार) को वापस लाने में देरी कर रहे है। जहां तक मुझे लगता है वो 100वें एपिसोड में वापस लौटेंगी।(शो अभी 65वें एपिसोड में हैं) ये एक बहुत बड़ा सुनहरा क्षण होगा। आखिर में आमिर ने कहा कि वो इसका इस्तेमाल सही समय पे करेंगे।