वैसे तो इन दोनों गीतकारों के नाम है पूरे दुनिया में मशहूर,इनकी तुलना करना मानो असंभव सा है। इन दोनों कलाकारों ने संगीत जगत को अलग ही पहचान दे देश को ऊपर मुकाम तक पहुँचाया है।
लता जी को भारत में “मेलोडी क्वीन” और नूर जहां जी को पाकिस्तान की मलिका- ए- तरन्नुम के उपाधि दी गई। भारत में लता जी को उनके कला के लिए भारत रत्न, पद्मा भूषण , पद्मा विभूषण, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया वहीं भारत में नूर जहां को “लक्स स्टाइल पुरस्कार- जीवनकाल सफलता” से सम्मानित किया गया।
लता जी ने अपने जीवकाल में २५,००० हिंदी गाने और ३० से ज़्यादा भाषाओं में गए है। वहीं नूर जहां जी ने अपने जीवन में २०,००० गाने गाए है। नूर जहां ने हिंदी सिनेमा के लिए भी २ गाने गाए हैं जो कि हिन्दुस्तानियों को काफी ज़्यादा पसंद आया है। दोनों महा गीतकारों ने संगीत को एक नई दिशा दिखाई है और उसकी आवाज़ सारे दुनिया को आज भी मन्त्रमुग्ध करता है।
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