मोहम्मद रफी के ये गाने सुनकर दिल बाग बाग हो जाएगा

मोहम्मद रफी के ये गाने संगीत के साथ अपनी सच्ची भावनाओं को बाहर लाने का बहुत अच्छा तरीका है!

मोहम्मद रफी साहब वो ध्रुव तारे है हिंदी सिनेमा जगत के जिसकी चमक कभी कम नही होगी। उनके लिए दिलों में प्यार आज और कल भी बेशुमार रहेगा। मोहम्मद रफी ने 1945 में पहला गाना रिकार्ड किया और धीरे धीरे उन्होंने बहुत से गाने दिए जो कि दिलों अब तक बसे है।

रही साहब ने ग़ज़ल, भजन, हिंदी गाने औए अन्य काफी सारी भाषाओ में गाने गाए, वे अपनी आवाज़ हर अभिनेता के रंग ढंग और मिजाज़ के हिसाब से बदलाव करते थे, ऐसे लगता था कि मानो गुरु दत्त जी , शमी जी सचमुच ही गा रहे हों। मोहम्मद रफी साहब के गानों में बहुत ही सच्चाई और एक प्रीत का आभास होता है। प्रीत इसिलए क्योंकि जब हम उनके गाने सुनते है तो हम सचमुच अपने मन और आत्मा में वो क्षण को महसूस करने लगते है। रफी साहब वो कलाकार है जिनके गाने रूह को छू जाते है । जिनके गानों ने प्रेम भावना, दर्द, भक्ति, सशक्तिकरण और भी बहुत से भावों को एक इंसान के मन में जागृत किया है।

शायद यही कारण है कि जब वे देश के लिए कोई देशभक्तिपूर्ण गाने गाते है तो सचमुच दिल में भारत, हमारे देश के लिए गौरवशाली भावना और प्रेम उमड़कर आता है।

उनके यह गाने जो देशभक्ति पर उन्होंने गाये आज भी दिल को खुश कर देते है। 1957 की फ़िल्म नया दौर का यह खूबसूरत गाना- ये देश है वीर जवानों का इसे सुनकर हर देश वासी अपने भारतीय होने पर गर्व जताते है और बहुत ही खुशी से झूम उठते है। यह गाना सुनकर सभी उस भाव को महसूस करने लगते है।

और एक गाना जो कि उन्होंने देशभक्ति पर गाया 1964 की फ़िल्म हक़ीक़त का ये गाना – अब तुम्हारे हवाले वतन। कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों। यह गाना सुनकर अगर कोई नही रोते देश के वीर जवानों के आत्म समर्पण और त्याग को याद कर तो अवश्य ही वे एक कठोर दिल के होंगे। यह गाना रौंगटे खड़े कर देते है।

उन्होंने हर भाव पर गाने गाये है जिससे हर रिश्ते और भी सुंदर और अटूट नज़र आते है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है कि वे कभी कभी खूनके रिश्तों से भी अधिक खूबसूरत होता है। इसी रिश्ते के लिए भी उन्होंने गाने गाए।

1964 की फ़िल्म दोस्ती का गाना – मेरी दोस्ती मेरा प्यार यह गाना एक सच्ची मित्रता दर्शाता है और इसे सुनकर भी अवश्य आपको अपने परम मित्र की याद तो ज़रूर आएगी।

1966 की फ़िल्म गबन का यह गाना – एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों। सुनील दत्त की यह फ़िल्म का गाना सुनकर सच्ची एक दोस्त क्या होता है उसकी कीमत बहुत ही खूब तरीके से बताई गई है। आप सुनकर अपने दोस्त के साथ बिताए हर पल ज़रूर याद करेंगे।

दोस्ती के साथ ही उन्होंने मोहब्बत को भी बखूबी अपनी आवाज़ में उतारी है। उनके गानों में ही प्यार छुपा है वो इन गानों से साफ जाहिर हो जाता है।

1964 की फ़िल्म कश्मीर की कली का गाना – इशारों इशारों में। शमी कपूर और शर्मिला टागोर पर यह गाना फिल्माया गया है। इस गाने के बोल को इतनी मधुरता से गाया है कि सुनकर आपको अपने प्रियजन की याद ज़रूर आ जाएगी।

1980 की फ़िल्म अब्दुल्लाह का गाना – मैंने पूछा चाँद से। इस गाने से अधिक सुंदर तारीफ शायद ही किसी प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के लिए की हो। रफी साहब का यह गाना बहुत ही अनोखा और नायाब है जो कि आज भी सुनकर दिल में प्रेम ही प्रेम भर देता है।

रफी साहब के गाने तो एक से बढ़कर एक है जो कि आपकी भावनाओं को फिर से जागृत कर देंगे।

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